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July 7 2020
लीवर सिरोसिस मतलब लिवर का सिकुड़ना होता है, ऐसा मुख्य रूप हिपॅटायटिस बी और सी शराब का सेवन करने ,खराब भोजन करने इत्यादि कारणोंं से होता है। यदि सिरोसिस का इलाज सही समय न किया जाए, तो लिवर खराब होने का कारण बन सकता है, जिसमें लिवर काम करना बंद कर देता है और कई बार इस वजह से लोगों की मौत भी हो सकती है।
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लीवर सिरोसिस के लक्षण क्या हो सकते हैं?
त्वचा का पीला पड़ना- यह सिरोसिस का प्रमुख लक्षण है, जिसमें व्यक्ति की त्वचा पीली पड़ जाती है।
कमजोरी महसूस होना- यदि किसी व्यक्ति को काफी कमजोरी महसूस होती है और किसी भी काम को ज्यादा देर तक नहीं कर पाता है, तो उसे इसकी जांच करानी चाहिए क्योंकि लीवर सिरोसिस का कारण हो सकता है।
भूख न लगना- यह लीवर सिरोसिस का अन्य लक्षण है, जिसमें व्यक्ति को भूख लगना अचानक बंद हो जाता है।
वजन का अचानक से बढ़ना या घटना- यदि किसी व्यक्ति का वजन अचानक से बढ़ता या घटता है, तो उसे इसे नज़रअदाज़ नहीं करना चाहिए और इसकी सूचना डॉक्टर को देनी चाहिए।
सांस लेने में तकलीफ होना- जब किसी व्यक्ति का लिवर सही तरीके से काम नहीं करता है, तो उसका शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ता है।
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लीवर सिरोसिस क्यों होता है?
अत्याधिक मात्रा में शराब का सेवन करना- लीवर सिरोसिस की बीमारी की संभावना उस व्यक्ति में अधिक होती है, जो अधिक मात्रा में शराब का सेवन करता है।
लिवर की बीमारी का होना- यदि किसी व्यक्ति को लीवर की बीमारी है, तो उसे भी लीवर सिरोसिस की बीमारी हो सकती है
हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त होना- अक्सर ऐसा देखा गया है कि सिरोसिस की बीमारी उस व्यक्ति को भी हो जाती है, जो हेपेटाइटिस सी से ग्रस्त होता है।
बाहर का भोजन करना- ऐसा माना जाता है कि बाहर का भोजन किसी भी व्यक्ति के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है क्योंकि इससे उसे कई सारी बीमारियां हो सकती हैं।
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लीवर सिरोसिस का इलाज किया जा सकता है?
लीवर का अल्ट्रासाउंड करना- लीवर सिरोसिस का निदान लिवर के अल्ट्रासाउंड के द्वारा भी किया जाता है।
दवाई लेना- यह सिरोसिस का इलाज करने का सबसे आसान तरीका है, जिसके माध्यम से बीमारी को बढ़ने से रोका जाता है।
लीवर की बायोप्सी कराना- कई बार सिरोसिस का निदान बायोप्सी के द्वारा भी किया जाता है।
बायोप्सी शरीर में इस बीमारी को बढ़ने से रोकती है और इसके साथ में उसे शरीर के अन्य अंगों में भी फैलने से रोकती है।
लिवर ट्रांसप्लांट- जब लीवर सिरोसिस से पीड़ित किसी व्यक्ति को किसी भी तरीके से आराम नहीं मिलता है, तो डॉक्टर उसे लिवर ट्रांसप्लांट कराने की सलाह देते हैं।
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लीवर सिरोसिस के जोखिम क्या हो सकते हैं?
किडनी का खराब होना- जब सिरोसिस का इलाज काफी समय तक नहीं हो पाता है, तो फिर उसका असर शरीर के अन्य अंगों पर होने लगता है और उनकी कार्यक्षमता कम होने लगती है।
लिवर कैंसर का होना- कई बार लिवर सिरोसिस के लाइलाज रहने पर लिवर कैंसर भी हो सकता है।
डायबिटीज का होना- अक्सर, सिरोसिस से पीड़ित व्यक्ति को डायबिटीज की बीमारी भी हो जाती है।
दवाईयों का लिवर पर दुष्प्रभाव पड़ना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि लीवर सिरोसिस का इलाज दवाईयों के द्वारा भी किया संभव है।
पैरों और पेट में सूजन का होना- कई बार, सिरोसिस से पीड़ित व्यक्ति के शरीर पर सूजन भी हो जाती है।
लीवर सिरोसिस की रोकथाम कैसे की जा सकती है?
शराब का सेवन न करना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि लीवर सिरोसिस की बीमारी शराब का सेवन करने की वजह से होती है।
वजन को नियंत्रित रखना- ऐसी बहुत सारी बीमारियां हैं, जो वजन के संतुलित न होने की वजह से होती हैं।
हेपेटाइटिस की रोकथाम करना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि लीवर सिरोसिस हेपेटाइटिस की वजह से भी होती है।